कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
22 जनवरी 2020, सुबह 7:00 बजे, चारों दोषियों को फांसी! बस तभी वे आखिरी सांस लेंगे! अगर आज निर्भया हमारे बीच होतीं तो वे क्या ऐसा ही महसूस करतीं?
किसी राजनीतिक विषय पर जब औरतें बात करती हैं तो यही कहा जाता है, "तुम्हें क्या? तुम अपना घर-बार सँभालो और अपने काम से काम रखो।"
दोस्तों एक तरफ जहां वर्तमान में हम आसमान छूने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर वर्जिनिटी का मुद्दा आए दिन अखबारों और समाचारों में देखा और पढ़ा करते हैं।
औरतों से हर मुकाम पर खरा उतरने की उम्मीद सब रखते हैं, पर इन सब उम्मीदों का ख्याल रखते रखते क्या हम अपनी उम्मीदों का ख्याल रख पाते हैं?
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता के 5 कारण जो बता रहे हैं कि क्यों महिलाओं के लिए, अपने स्वयं के कुछ मौद्रिक संसाधनों का होना महत्वपूर्ण है।
मैं एक अभिभावक हूँ और मेरी बेटी अभी व्यस्क नहीं है, ये खुला पत्र मैंने खुद को और अपनी बेटी को उन तमाम युवाओं खासकर युवा महिलाओं और उनके अभिभावकों की जगह रख कर लिखा है।
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