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शादी से पहले किये हुए वादों को अक्सर लोग शादी के बाद भूल जाया करते हैं... इसका तात्पर्य क्या निकालें? ये हम पाठकों पर छोड़ते हैं और पढ़ते हैं ये कहानी।
कभी जब आपने ख़ुद को तन्हा पाया, क्या आपको भी बचपन तब याद आया, बचपन के झगड़ों में बीता, भाई बहन का साथ याद आया, क्या आपको भी बचपन फिर याद आया!
पहली ही मुलाकात के बाद रिया के दिल में राहुल के लिये और भी इज्ज़त बढ़ गई, वहां से जाने के बाद उसे अब बस राहुल के हाँ करने का इंतजार था।
हमारे मैनेजर ने एक ही बात बोली, 'पति-पत्नी का रिश्ता जन्मों-जन्मों का होता है, जब प्यार दिल से किया है तो यह रिश्ता भी दिल से निभाना दोनों।'
श्वेता का बचपन से एक ही सपना था और संकल्प भी कि, 'मैं जॉब करूं, वो भी एक अच्छी गवर्मेंट जॉब' और इसके लिए वह जी तोड़ मेहनत करती रही।
जीने के बाद भी समाज की रूढ़ियों को ललकारती और उसका सामना करने की हिम्मत दिखा कर अपनों के साथ खड़े रहने का साहस दिखाती है ये कहानी।
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