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कुर्रतुल ऐन हैदर साठ के दशक में जब हिंदुस्तान पहुंचीं तो पहला बेशमीमती अफसाना जो उन्होंने लिखा, वह था अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो...
निलेश के लिए यह रोज का था। पर रश्मी को अचरज इस बात से होता था कि कैसे कोई इंसान अपने किये को इतना अनदेखा कर सकता है?
आप में से कितनों ने अपनी बेटियों को ये कहा, "वो तुमसे प्यार करते हैं, केयर करते हैं, तुम्हारी सुरक्षा चाहते हैं इसलिए ये सब करते हैं।"
"अरे! शादी के बाद ससुराल वालों को नौकरी करानी होगी तो वो लोग तुझे आगे पढ़ाएंगे। वरना उनकी मर्जी। शादी के बाद अपने घर जाकर अपनी मर्जी चलाते रहना।"
कभी-कभी मन होता कि सब कुछ छोड़ कर ज़ोर से चिलाऊँ! 'अब बस! अब और नहीं!' क्या आप अपनी 'अब बस' कहानी साझा करने को तैयार हैं?
शादी के बाद प्रियंका को जब पता चला तो वह स्वयं को ठगा हुआ महसूस करने लगी क्योंकि रवि से उसने यह उम्मीद कभी नहीं लगाई थी...
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