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चल भी अब कितना इंतज़ार करेंगे, कब तक शादी और परिवार में ही फंसे रहेंगे। चल ना सहेली, फिर से अपना बचपन जी लेंगे।
उसने सोचा, "बाक़ी रिश्तों की तरह मैं दोस्ती का ये रिश्ता भी सहेज कर रखूंगी। यही तो एक ऐसा रिश्ता है, जिसे मैंने अपने लिए खुद चुना है।’’
बॉलीवुड फिल्मों को देखकर ऐसा लगता है कि दोस्ती का भी जेंडर होता है, हिंदी फिल्मों के अनुसार एक लड़का-लड़की तो क्या, लड़कियां भी आपसी दोस्ती नहीं निभा सकतीं।
हमें फैमिली और पति के फ्रैंड्स को टाइम देना है, लेकिन अपने दोस्ती के रिश्ते को नहीं, अगर हम उनसे बात भी करें तो अक्सर आप उसे टाइम की बरबादी कहेंगे...
आज मुझे आप सब को ये बताते हुए ख़ुशी महसूस हो रही है कि हम दोनों का रिश्ता आज भी कॉलेज के दिनों जैसा है, ईश्वर ने मेरी दोस्त को मुझे फिर लौटा दिया!
सखियां सोच रही थी कि शीतल से जब भी हम मिलते है तो ऐसी उदास नहीं रहती, चेहरा भी काला दिख रहा और ऑंखो में लाली छाई है, देखकर लग रहा है मानो कितना रोई हो।
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