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प्रेम तो आपको सभी बंधनों से आज़ाद करता है न? ये कैसा प्यार और ये कैसा रिश्ता है जो आपको जकड़ देता है, कैद कर देता है और धीरे-धीरे रोज़ आपका गला घोंटता रहता है?
समयचक्र है बदल गया, जो हुआ पुराना बीत गया। अब मुझसे टकराने का साहस न कर पाओगे तुम। मैं स्वयं लिखूंगी भाग्य मेरा।
यूं तो विमला मेरे घर काम करने आती है पर हम दोनों एक दूसरे से अपने मन की कह लेते हैं, वरना इस चार दीवारी में मेरा दम कब का घुट गया होता।
घरेलू हिंसा सहना मतलब शारीरिक और मानसिक शोषण सहना। ज़्यादातर महिलाएं इस कदर टूट जाती हैं कि अपने आपको ही मुजरिम समझने लगती हैं।
साफ-साफ बात पति ने कह दिया था लेकिन इस बार मैं भी सोच चुकी थी कि अब बस अब मैं और नहीं बर्दाश्त करुँगी! आखिर गलती क्या थी मेरी?
जैसे ही मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा तो उसका चेहरा देख मैने चौंकते हुए पूछा, "विशाखा तुम्हारे चेहरे पर ये निशान?" सुन कर विशाखा रो पड़ी।
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