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उत्तर प्रदेश की नेहा ने परिवार की तानाशाही मानने से इंकार कर जीन्स पहन कर बाहर जाना चाहा तो परिवारवालों ने उसकी हत्या कर दी।
मीना भी शादीशुदा थी और जब देखो अपने पति के प्यार के तराने गाती रहती थी। छवि को अक्सर जलन भी होती थी पर मन मसोस कर रह जाती थी।
उसका साथ कोई नहीं दे रहा था ना घरवाले ना पुलिस वाले। घरवाले उस पर जुल्म कर रहे थे और पुलिस वाले उसका साथ देने के बजाय...
क्या उसकी आवाज़ जो उसने बड़ी मुश्किल से साहस कर एक बार उठायी थी पर कुचल दी गयी थी, क्या अब फिर से उठने की हिम्मत कर सकेगी?
“अरे तुम बुरा क्यों सोच रही हो? अच्छा सोचो तो सब अच्छा ही होगा। अच्छा चलो अब तैयार हो जाओ, मोहिनी दीदी के यहाँ चलना है न…”
मैं दीदी से चुहल करते हुए बोली, “ये आप अभी भी ‘डॉक्टर साहब’ को ‘डागदर साहब’ क्यों कहती हैं? क्या आपको ‘डॉक्टर साहब’ बोलना कठिन लगता है?” अब तक मन मोहिनी (भाग – 4) में आपने पढ़ा – मैंने आश्चर्य से पूछा, “क्या आपने? आपने यह शिकायत अस्पताल में की है?” वे उसी तरह मुस्कुराते हुए बोले, […]
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