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लेकिन इन सब के बीच एक बात जो दिनेश देखते रह जाते की राजीव की दोनो बेटियो में पूरा घर सम्भाल रखा था और साये की तरह राजीव के साथ लगी रहतीं।
देश की पहली एम.बी.ए शिक्षा प्राप्त सरपंच छवि राजावत को अपना आदर्श मानते हुए ललवाड़ी गांव की राधा आज उन्हीं की राह पर चल रही हैं।
राजस्थान की सोहिना जैसी कुछ लड़कियां आगे बढ़ कर अपने ही समुदाय में अशिक्षा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ अलख जगा रही हैं...
माँ मैं भी तो एक औरत हूँ? तू भी तो एक औरत है? फिर बेटे का इतना मोह क्यूं? वंश को बढ़ाना ही क्या, हम स्त्रियों की ज़िंदगी का मकसद है?
बेटी का पहला पीरियड? तो तूने उसे पुराने बिस्तर पर सुलाया था न? अब उठते से उसका सिर धुला देना। उसे सारे नियम समझा देना।
पर-वर कुछ नहीं स्वाति, तुम ये सब मत सोचो बस अपना ध्यान रखो। खाओ-पियो मस्त रहो, राघव ने स्वाति का माथा चूमते हुए कहा।
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