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लड़कियों को जानबूझकर छूना, उनसे टकराना, उन पर सीटी बजाना, अश्लील इशारे करना, गाड़ी चलाते वक्त जान बूझकर पीछा करना...
तेरे चांद की चांदनी में ऐ आसमान, मेरी जिल्द की परतें अब सुलगती हैं - चांदनी हो या चाहत, वक़्त के साथ सबके मायने ज़िन्दगी अनुसार बदल जाते हैं।
यह सब तो जस्ट, फॉर इंस्पिरेशन है, फेमिनिज़्म का झंडा तो आज फैशन है- जी हाँ! ऐसे 'विचार' हम सबके घर में मिलेंगे।
रोज़ कहीं से एक टूटी गुड़िया चिल्लाती है, मेरे गुनहगार को फाँसी क्यों नहीं दी जाती है? क्या उत्तर देंगे हम इन मासूमों के सवालों का?
"गरीब हैं। लेकिन, इतना समझते हैं, गलत को सहते जाएंगे तो हमेशा सहते ही रहेंगे।" #Me Too का सही अर्थ शमा ने आज मेरे को सिखाया।
आज ज़िंदगी ने तुझ को है पुकारा, "कर ले इस दिल की सारी चाहतें पूरी, चल निकालें मिलकर आशाओं की अपनी ये टोली।"
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