कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
हर जगह डबल मीनिंग बातों और महिलाओं को ज़बरदस्ती छूने वाले पुरुष मौजूद हैं! कुछ ऐसे हैं जो दिखने में शरीफ और टॉप की कॉलेज से पढ़े हुए हैं...
स्वरा को ये बात बहुत अंदर तक चुभी। आदित्य ऐसी सोच वाला होगा ये उसने कभी नहीं सोचा था। किसी औरत के पहनावे से उसके छेड़ने ना छेड़ने का क्या मतलब।
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार भारत में महिलाओं का खतना का कोई डेटा रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए भारत में इस पर कोई विशिष्ट कानून भी नहीं है।
"मैं सबसे कहना चाहती हूँ मुझे डायन और चुड़ैल कहना बंद कीजिए! मैं जिंदा इंसान हैं और किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए मुझे दोषी मत ठहराइए।"
कुर्रतुल ऐन हैदर साठ के दशक में जब हिंदुस्तान पहुंचीं तो पहला बेशमीमती अफसाना जो उन्होंने लिखा, वह था अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो...
लेकिन अफ़सोस चंद्रा जी की परिस्थिति जाने बिना उनपे ऊँगली उठा दी थी बिल्डिंग की महिलाओं ने, वो भी सिर्फ उनके कपड़े देख।
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address