कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
जब मेरी गलती से मेरी बेटी रोती थी तो सच मे बहुत दुःख होता था, मुझे...मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं अच्छी माँ नहीं हूँ। लेकिन एक अच्छी माँ कौन होती है?
निदा फाजली जी की कविता 'बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी मां' से प्रेरित आज की इसी पीढ़ी की नज़रों से माँ की ममता का बखान कुछ यूं भी हो सकता है...
इस सुंदर से पत्र के माध्यम से एक बाईसा दूसरी बाईसा से अपने दिल की बात साझा करना चाह रही हैं, अब उम्मीद है बस एक दुसरे को समझने की!
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address