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फिल्म हेलमेट एक लाइन, “चाहिए सब को, मगर मांगता कोई नहीं है” पर टिकी है परंतु अपने मुख्य बिंदु को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं कर पाई।
फिल्म संदीप और पिंकी फरार में परिणीति पूछती है,"तुम लोग खुश कब होते हो बॉस? तुम देवता लोग। तुम, अंकल, मेरा बॉस तुम लोग खुश कब होते हो?"
द फैमिली मैन सीजन 2 में मनोज वाजपेयी जी की एक्टिंग की कला के बारे में क्या ही बोलेंगे लेकिन आदत से मजबूर मुझे कुछ महिला किरदार याद रह गए।
जिन्हें यह लगता है कि पति के हाथों की कठपुतली बनना ही प्रत्येक पत्नी का कर्तव्य है, वे वेब सीरीज़ महारानी न ही देखें तो बेहतर है।
रानी भारती कैसे-कैसे भष्ट्राचार, नरंसहार और पति के गोली कांड के तह तक पहुँचती है, यह सब जानने के लिए आपको वेब सीरीज महारानी देखनी होगी।
फिल्म द वुमन इन द विंडो में हर पल नया मोड़ आता है, जो क्राइम, थ्रिलर और मनोविज्ञानिक रूप में कहानी को रोचक बना देता है।
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