कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
"कसम से आप इतनी मासूम हो कि मेरे जैसा इंसान आपके ऊपर होने वाली ज्यादती बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। पता नहीं ये लोग किस मिट्टी के बने हैं।"
अपने बहु-बेटे या बेटी-दामाद के विवाह होने के बाद ज़िम्मेदारियों और अपेक्षाओं पर खरे उतारने के पूर्व उनको एक दूसरे को समझने का अवसर अवश्य ही प्रदान करें।
जिसने अपने घर में कभी रसोईघर में कदम न रखा हो, उसे पहली ही बार में बीस लोगों के लिए खाना बनाने को कहा जाए, तो सोचिए उसका क्या हाल होगा!
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