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"चिल्लाना बंद कीजिये! संस्कार देने की ज़िम्मेदारी माता पिता दोनों की होती है, अकेली माँ की नहीं। आपने कभी माँ को बराबरी का दर्जा नहीं दिया।"
मलाला ने वोग मैगज़ीन के इंटरव्यू में कहा कि लोग शादी क्यों करते हैं, यह पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती? और इस बात की आलोचना हो रही है?
कहने को तो यह नाता प्रथा महिलाओं को अधिकार देने और अपने पसंदीदा साथी के साथ जीवन जीने का अधिकार देने की बात करती है, लेकिन...
“यार औरतें अपना ध्यान नहीं रखतीं।” सच कहा, मैं रखूँगी अपना ध्यान, क्योंकि कोई और नहीं रखता, क्योंकि मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ, घर से नहीं।
सम्मान चाहते हो तो, सम्मान देना भी सीखो, झुकाना चाहते हो तो, झुकना भी सीखो। जो बोया था वही काटोगे, ये सबक भी सीखो।
सबसे पहले सर्वाइवर सवालों के कटघरे में हाज़िर हो...और शुरू होता है हमारे समाज का विक्टिम ब्लेमिंग का खेल जिसमें परिवार वाले भी शामिल हैं...
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