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ज़ुबैदा को ऐसा लगता था कि उसके सपनों को पंख मिल जाएंगे, पर ऐसा हो न सका। पंख तो उस को मिल गए पर उड़ने की आज़ादी नहीं मिल पायी।
अरे ओ मौसी तेरा बेटा तो पुरा जोरु का गुलाम हो गया है..कौन होते हैं जोरु के गुलाम जिनसे मुँह चिढ़ाता है समाज ?
गीता यथार्थ ने इस तस्वीर को शेयर किया और कहा, "वॉशरूम का लास्ट टाइम गेट कब क्लोज किया था, याद नहीं!" उनका इतना करते ही सोशल मीडिया पर बवाल हो गया।
एक दिन यही रेस आपकी अपनी बेटी जीत लेगी और वह उसकी अपनी जीत होगी, कोई नहीं होगा उसका जीत का दावेदार या हकदार।
मैंने तो अपनी पत्नी से दहेज़ भी नहीं लिया लेकिन वो तो ना सिन्दूर लगाना चाहती है, न मंदिर जाना चाहती है, बताइये अब मैं क्या करूँ? कहाँ जाऊँ?
शन्नो और अनस की शादी हो गयी, एक ही कपड़ों के जोड़े में बिना मेहँदी और चूड़ियों के शन्नो ब्याह दी गयी और अब उसके सारे सपने चूर-चूर हो चुके थे।
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