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लोग वीडियो को शेयर कर रहे हैं और लोगों की आंखें नम हैं मगर ये लोगों की ही बनाई मानसिकता है कि आयशा आरिफ खान अपनी जिंदगी से तंग हो गई।
मेरा सवाल एक ही है क्यों मुझे हर रीति रिवाज से बांधा जाता हैं और खासकर माँ बनने के बाद मेरी निज़ी जिंदगी पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया जाता है।
पहली बार देखा तो मोना सिंह वाला प्रेगा न्यूज़ का यह नया विज्ञापन बहुत अच्छा लगा लेकिन गहराई से सोचा तो इसमें छिपे कुछ पहलू हमें खटक गए।
बंद कीजिए तमाशा और जल्दी विदाई कीजिये, और पाण्डे जी आप क्या औरतों की तरह रो रहे हैं, आप अनोखे पिता थोड़ी ना है जो बेटी विदा कर रहे हैं।
क्यों बहू मेड की क्या ज़रुरत है? वैसे हम कुल मिलाकर चार लोग ही तो हैं और हाँ हम मेड के हाथों का बना हुआ खाना नहीं खा सकते।
कल झाँसी में हुए बीकेडी गोलीकाण्ड ने मुझे गंभीर रूप से परेशान किया और मैं इन बातों पर विचार करने पर मजबूर हो गया...
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