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आखिर अमृत महोत्सव तो हम मना रहे हैं पर क्या वास्तव में इस आज़ादी का अमृत भारत की आधी आबादी को मिलता है? ये आज़ादी सभी को मिलनी चाहिए...
सुष्मिता बंधोपाध्याय की हत्या के बाद 'काबुलीवाले की बंगाली बीवी' मैंने पढ़ी। मेरे जेहन में यह बात खबरों को पढ़कर बार-बार कौंध रही थी कि...
अपराधी हूँ खुद की रख के मौन, सहारे हैं ये अपने यही सोच रहती मौन, मगर अब ये ख़ामोशी चीखती है, सवाल कर के पूछे आखिर मैं हूँ कौन?...
हमें अक्सर कुछ उदार पुरुषों की टिप्पणी देखने को मिल जाती हैं, “एक औरत ही औरत की दुश्मन होती है”...लेकिन इस टिप्पणी के रचियता कौन हैं?
साक्षी के मन मे तीसरी बेटी को लेकर इतनी कड़वाहट है, ये किसी को समझ नहीं आ रहा था। कोई कहता कि ससुराल वाले या पति किसी ने कुछ कहा होगा।
देखो जी, हम से महिला अधिकारों पर चाहे जितनी भी बात करा लो, लेकिन घर जा के खाना बीवी को ही पकाना है, घर के सारे काम भी उसी से करवाने हैं...
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