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प्रचलित कहानियों के अनुसार गुड़िया को पीटना महिला और बहन पीटने का प्रतीक है, जिसको पीटने में शौर्य है, इज्जत पर लगे हुए बट्टे की धुलाई है।
मौत शुरू हुई सपनों से, यहाँ की औरतों के। सिर्फ अफ़ग़ान की औरत, घुटती हुई, बेदम! क्या कुँए से निकल कर खाई में जाना ही औरत की नियति है?
"अनुपमा कितना रो ही रही थी। और तुझे पता है अनुपमा को पति का सानिध्य जरा भी नहीं मिल पाया उसे, क्योंकि उनकी नौकरी ही ऐसी थी।"
रूऑंसे मन से अनुपमा बोली, “ऐसा लग रहा है धंसी जा रही हूँ रिश्ते निभाते-निभाते। इन सामाजिक रिश्तों की बागडोर तोड़ी भी नहीं जा सकती न?
संजय लीला भंसाली की फिल्म बैजू बावरा को रणवीर सिंह के साथ दीपिका पादुकोण को भी ऑफर किया गया लेकिन दीपिका की फीस...
हम में से कई लोग मानते हैं कि नारीवाद से जुड़े लोग यानि फेमिनिस्ट, दुनिया को नियंत्रित करना चाहते हैं और पुरुषों को नीचा दिखाना चाहते हैं।
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