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बात बात पर गुस्सा करने वाले और उसी गुस्से की वजह से दीवार पर अपना सिर पटकने वाले पति सुरेश के साथ उसकी जिंदगी मुश्किल के साथ ही कटेगी।
जब से उन्होंने बिटिया के पैदा होने की ख़बर सुनी थी तब से बस जोड़ना घटाना शुरू कर दिया था कि कितना खर्च होगा बच्ची की शादी में।
जनसंख्या नीति के तमाम नीतिगत फैसले महिलाओं के गर्भ से होकर जाते हैं और उनको ही जनसंख्या नियंत्रण के फैसलों में शामिल नहीं किया जाता है।
ये सारी बातें हमेशा हमारी दादी-नानी, मां और बहनों से ही सुनने को मिलते हैं। बचपन से वो हमें काजल लगाती हैं नजर से बचाने के लिए।
"अपने आप को फ़िट रखने के लिए शादीशुदा या कुँवारी होने से क्या मतलब है? मुझे किसी को दिखाने के लिए नहीं स्वयं को स्वस्थ रखने फ़िट रहना है।"
हर शादी का विज्ञापन लंबी, पतली सुंदर दुल्हन मांगता है, लेकिन अगर लड़की अपनी ऐसी माँगे रखे तो तो प्रश्न आता है एक महिला ऐसा कैसे कर सकती है?
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