कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
"औरतों ने किचेन के सुस्वाद भोजन के जायका बिगाड़ दिया है। अगर आप स्वस्थ्य रहने के इच्छुक हैं तो योगा या रस्सी कूदने की ज़रूरत नहीं है।"
ये सारे सवाल हैं ददरी घाट पर गंगा किनारे एक लकड़ी के बक्से के अन्दर से मिली गंगा के, जो एक महिला होने के नाते मैं आपसे पूछना चाहती हूँ।
ट्वीटर पर संजय दत्त का एक वीडियो, जो काफी पुराना दिखता है, बीते दिनों अचानक से बहस के दायरे में आ गया है। ऐसा क्या है इस वीडियो में?
फिल्म स्केटर गर्ल के एक संवाद में महारानी जैसिका से कहती हैं, “यहां के लोगों को बदलाव नहीं पसंद है। खासकर तब जब बदलाव एक औरत ला रही हो।"
जहां महिलाओं के साथ दुष्कर्म होते, जहां महिलाओं के साथ भेदभाव होते, जो है शिकार पितृसत्तात्मक व्यवस्था की, वह जगह बड़ी दूर है।
पिता कैसे अपने कलेजे को छलनी होने से रोक पाएगा, ज्यादा कुछ नहीं बस वह अपनी बेटी के घर का मेहमान हो जाएगा, बाकी सब वैसा का वैसा ही तो रहेगा।
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