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'हौंसले बुलंद थे इसलिए हालात पर भारी पड़े', कहती हैं भारत की सबसे छोटे कद की वकील हरविंदर कौर उर्फ़ रूबी और उनकी इस बात से हम सहमत हैं।
मणिबेन नानावटी एक आम इंसान के लिए अस्पताल और महिलाओं का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की ज़रूरत को अपने जीवन संघर्ष से अच्छे से जानती थीं।
प्रवेशपत्र मुँह में दबाया, वह नहर पार करने लगी। नहर पार करते गीले कपड़ो व नंगे पैर के साथ स्कूल में उसने प्रवेश किया।
मेरे लिए महादेवी वर्मा की कविता में ये लाइन हमेशा से प्रेरणादायक रही है, “घर तिमीर में, उर तिमीर में, आ! सखि एक दीपक बार ली।”
राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी होने से लेकर प्लंबर बनने तक, क्रिस्टी डीआस ने महिलाओं के खिलाफ बने उन सभी पूर्वाग्रहों को तोड़ा है।
इन पहली लेडी ड्राइवर ने जब दुनिया को चौंका दिया तो, देश की न जाने कितनी ही महिलाओं के लिए संदेश दे दिया था, “आओ! अपना दायरा तोड़ें...”
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