कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
गर्ल्स हॉस्टल था तो परिवार वालों को भी कोई अफसोस नहीं था और न ही कोई डर। मगर मुझे ही पता था मैं वहां किन हालातों में रह रही थी।
पहली रात ही सुहागसेज पर अपने पति का इंतजार करती अंकिता का शराब के नशे में डूबे लडख़ड़ाते अपने पति राहुल से पहला परिचय हुआ।
देश में हो रहे हिंसक यौन अपराध के बारे में सुन कर कई बार हम चुप रहते हैं, आख़िर क्रोध की भी तो सीमा होती है, हर बार उतना आक्रोशित नहीं हो सकते।
हमारे देश में औरतों की सुरक्षा हमेशा से एक चुनावी मुद्दा बन कर रह गया। लेकिन सत्ता में कोई भी पार्टी आये, औरतें कहीं सुरक्षित नहीं हैं।
आज हम आज मुजफ्फरपुर गैंगरेप के बारे में सुन रहे हैं, हो सकता है कल आपके शहर या गांव की खबर सुन रहे हों। तो इन सबका कोई अंत है भी या नहीं?
जहां एक तरफ एक बेटी के पैदा होने पर सब खुशियां मना रहे थे, वहीं दूसरी तरफ एक बाप ने रेप की वजह से प्रेग्नेंट हुयी बेटी और उसके होने वाले बच्चे को खो दिया।
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