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इधर भूमि के ऑफिस में इतना काम रहता था कि वो किचिन में ज्यादा वक्त नहीं दे पाती थी। सास के जाने के बाद भूमि ने खाना होटल से मँगवाया।
अगर आप इसी मीनल से कुछ दिन पहले मिलते तो वो परेशान रहने वाली मीनल थी। लेकिन ये बदलाव आया कैसे? अभी कुछ दिन पहले की बात है...
"अगली बार मैं आपके लिए बिल्कुल अपनी तरह ही साड़ी लाऊंगी। मम्मी जी, तब तो आपको पसंद आएगी ना?" यह बात शिप्रा ने मुस्कुराते हुए कही।
"शर्म आनी चाहिए मां। झगड़े आप करा रही थीं। जीतने के चक्कर में आपने अपना घर तोड़ दिया और फिर भी इल्जाम अपनी बहुओं को दे रही हो?"
आजकल की बहुओं के मजे हैं! ऑपरेशन से बच्चा पैदा करो, दिन भर बच्चे को डायपर में रखो, और खुद हीरोइन बने थोड़ा सा काम करते घर में घूमते रहो...
रमन ने लड़खड़ाती जुबान में डरते हुए कहा, “माँ, आप यहाँ? क्या हुआ? अंदर आइये ना, आप दरवाजे पर क्यों खड़ी हैं?”
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