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भक्ति अपनी सास को कब दादी बनाने वाली हो? अब तो समय भी हो चला धीरे-धीरे और कितना समय लोगे तुम दोनों? इतनी देर करना ठीक नहीं...
जब उन्हें मदद की जरूरत पड़ती है तब वह बच्चों को उनका फर्ज याद दिलातीं, लेकिन जब सुमन काम करती है तो उन्हें बच्चों का मदद कराना रास नहीं आता।
जब ऋतू ने पूछा तो निशा जी ने मुस्कुरा कर कहा, "पृथा को कुछ काम था ऑफिस का तो अपने कमरे में है, अभी आती ही होगी।"
ठण्ड में सुबह उठने का मन ही नहीं होता और स्नेहा की चाय पिये बिना आंख नहीं खुलती, लेकिन नयी बहु थी तो सास को नाराज़ भी नहीं कर सकती थी...
फिल्म हैप्पी बर्थडे मम्मीजी में “आदर्श नारी” का चोला उतार शेफ़ाली शाह, अपनी पसंद के कपड़े, संगीत, खाना और तो और कंचे खेलती दिखीं...
"नहीं नहीं भाभी आप सूरज भाईसाहब को कुछ मत बताना बस आप जल्दी से आओ", कह सिया ने फ़ोन रख दिया और निशा परेशान हो उठी।
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