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क्या आप जानते हैं पद्मश्री दुलारी देवी कभी स्कूल नहीं गईं और एक समय ऐसा था जब वह झाड़ू-पोछा करके अपने परिवार का पालन-पोषण करती थीं।
ये समझने की कोशिश करें, विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के दावे और घोषणाएं पद्मश्री तुलसी गौढ़ा जैसे पर्यावरण संरक्षकों के आगे बौना हैं।
इतिहास के पृष्ठों में नीरजा भनोट का नाम सदा के लिए अमर हो गया है। जब भी वीरता की बात चलेगी नीरजा का नाम उसमें अवश्य रहेगा।
जाहिर है सरोजनी नायडू का लालन पालन उस घर के महौल में हो रहा था जो उस वक्त देश के अधिकांश लड़कियों के लिए कल्पना से परे था।
कुतंला कुमारी सबत आजीवन महात्मा गांधी की अनुयायी रहीं और देश की आज़ादी के साथ उन्होंने महिलाओं की पितृसत्तामक गुलामी से भी आज़ादी चाही।
राजकुमारी अमृत कौर कपूरथला की महारानी थीं, पर उन्होंने स्वयं को एक महारानी के तरह ज़ाहिर नहीं किया, लेकिन उनके व्यक्तित्च में एक तेज था!
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