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"बेटा! तू नहीं जानता आजकल की लड़कियों को। अपनी मौसी की हालत देखी है ना? क्या बना दिया उनकी बहू ने।" फिर सुरेश जी ने कहा...
रमा को ठंड के महीने में मारे डर के माथे से पसीने छूट रहे थे। उसे डर था कि अगर आज रूपा को कुछ भी हुआ तो उसका दोष उसे ही सिर पर आएगा।
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