कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
फिल्म शादीस्थान का ये डायलाग बहुत कुछ कहता है, "हम जैसी औरतें लड़ाई करती हैं ताकि आप जैसी औरतों को अपनी दुनिया में लड़ाई न करनी पड़े।"
'हम साथ-साथ हैं' सा परिवार जो कि नामुमकिन के ज़रा नीचे है, हमें स्वीकार है किन्तु एक फैमिली के डिस्फंक्शनल किरदार देखने में गुरेज़ है।
पिता कैसे अपने कलेजे को छलनी होने से रोक पाएगा, ज्यादा कुछ नहीं बस वह अपनी बेटी के घर का मेहमान हो जाएगा, बाकी सब वैसा का वैसा ही तो रहेगा।
कह लो उसको चाहे उपहार या फिर कह लो दहेज, मत करो जेब ख़ाली सच यही है, मत करो ख्वाहिशें पूरी इसकी, बिन पैसे कैसे ब्याही जाएगी।
आज भी लोग अलग जाति और धर्म में शादी करने के कारण मारे जाते हैं, ऐसे में लगता है कि समलैंगिक विवाह के विचार को स्वीकार करना और भी मुश्किल है।
मलाला ने वोग मैगज़ीन के इंटरव्यू में कहा कि लोग शादी क्यों करते हैं, यह पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती? और इस बात की आलोचना हो रही है?
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