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अपनी आँखों के सपने तकिये पे सूखाकर, सबके लिए वो बनने की कोशिश करते हूँ जो मैं नहीं...और तुम्हें बस मेरा शरीर दिखता है, मेरा मन नहीं...
"यह मेरा घर है, मैं यही रहूंगी, कहीं नहीं जाऊंगी, समझी? तुम्हारे जीजा जी को भगा दूंगी, नहीं जाएंगे तो डंडे मार के भगाऊंगी।"
मेरे पति अपने सहकर्मियों को मेरे बनाये सैंडविच बेचते हैं, और उन पैसों से वह रेस्ट्रॉंट से अपना लंच खरीदने जाते है। यह सुनके मैं तो दंग रह गई।
मम्मी कह रही थी कि अनन्या उनकी इकलौती बेटी है तो वह कार भी तो देंगे ही अपनी बेटी को। इसी बात को लेकर मेरी और पापा की मम्मी से बहस हो गई।
वो मेरे साथ मेरे कमरे में रहता था, मेरे साथ सोता था, कभी-कभी मेरे साथ घूमने भी जाता था, मुझ पर पैसा भी खर्च करता था लेकिन शब्द नहीं।
निधि ने शादी को लेकर क्या सपने सजाए थे। खुद को संभालते हुए उसने अमृत से कहा, "क्या आप इस विवाह बंधन में बंधे रहना चाहते हैं?"
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