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क्या आपने अपनी इस बेटी को शादी करने के लिए पैदा किया था? क्यों मुझे हमेशा शादी के ताने सुनने पड़ते हैं? आज आपको ये जवाब देना ही होगा।
"अरे, ये क्या बोल रही हो बहू? अमर ने तो तुम को हमेशा प्यार किया, तुम माँ नहीं बन सकती थी तो बच्चा गोद लेकर तुम्हें माँ बनने का सुख दिया।"
उसकी उदासी बिजॉय तुरंत भांप गया और बोला, "कुछ वचन हम भी एक-दूसरे से लेना चाहते हैं। बोलो ना शर्मिष्ठा, मुझसे क्या वचन लोगी तुम?"
एक हफ्ते के अंदर ही प्रेम दीमा को बहुत अच्छी तरह से समझ गया था और दोनों में एक दोस्ती होने लगी। शायद एक दूसरे का अधूरापन पूरा करते थे दोनों?
अरे ओ मौसी तेरा बेटा तो पुरा जोरु का गुलाम हो गया है..कौन होते हैं जोरु के गुलाम जिनसे मुँह चिढ़ाता है समाज ?
प्यार तो दोनों को ही था एक दूसरे से पर नासमझी से दोनों की बुद्धि फिर गई थी...नीता और अमित की कहानी हर रिश्ते के उतार चढ़ाव को दर्शाती है।
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