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करवटें बदलता अतुल भी यही सोच रहा था कि अगर लिस्ट ना होती तो शायद दो अंगूठी और एक झुमका गायब है, ये पता भी ना चलता।
डिअर तन्वी मैं तुमको समझाने की कोशिश कर रहा हूं और तुम समझ नहीं रहीं, इस मीटिंग में तुम्हारा जाना ज़रूरी है और सेक्सी-मॉडर्न लुक में।
बच्चों की वजह से मैं अपने सपनों ओर इच्छाओं की कुर्बानी दे सकती हूँ लेकिन बच्चों को किसी चीज की कमी बर्दाश्त नहीं कर सकती।
आज सुप्रिया और अविनाश को एकांत में देखा तो राधा से भी रहा ना गया। पलों को एकांत में बिताने को सोच वो उत्पल के पास गई।
पितृसत्ता और महिलाओं के पुनर्विवाह को लेकर रूढ़ियों को तोड़ते हुए दीया मिर्ज़ा और वैभव रेखी की शादी महिला पंडित करवाते हुए नज़र आयी।
स्त्री खुश है या नहीं, कोई मायने नहीं रखता। आज भी स्त्री, गृहस्वामिनी की खुशी या दुख से, किसी को, कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
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