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उसकी बेटी ने तब उसे टोका था, "मम्मी आप एक और पापा बनाने जा रही हो! क्या आप चाहती हो कि एक और बेटी इस घर में आकर आप जैसी घुलती रहे?"
एक बेटे को खा गई। वह काफी नहीं था, जो राजीव के पीछे पड़ गई? मालूम है समाज और बिरादरी वाले तुम दोनों के बारे में क्या-क्या बातें करते हैं?
पुरुषों को समझना होगा की शादी अपनी यौन इक्छाओं को थोपने का या पत्नी के साथ ज़बरदस्ती करने का लाइसेंस नहीं देती, ये वैवाहिक बलात्कार है।
इसी तरह चाचा के द्वारा कई बार कहने के बाद एक दिन माँ ने कहा, "पढ़ी है तो क्या हुआ? कोई गलत काम थोड़ी ना करी है।"
"ये मत पहनो, वो मत पहनो... इससे बात मत करो... यहाँ मत जाओ... वहाँ मत जाओ... क्या है ये सब? ऐसा लगता है मैं आपकी पालतू चिड़िया हूँ..."
“माँ आप पढ़ी-लिखी होकर भी ऐसी बातें कर रही हो? आप तो शिवानी को कितना प्यार करती थीं, सब भूल गयीं?” रवि ने पूछा।
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