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“तुमने क्यूँ जिद लगा रखी है कि नौकरी नहीं छोड़ना चाहती हूँ, वैसे भी तुम चवन्नी जितना ही कमाती हो?” अभय ने नेहा से कहा। “तुमने क्यूँ जिद लगा रखी है कि नौकरी नहीं छोड़ना चाहती हूँ, वैसे भी तुम चवन्नी जितना ही कमाती हो?” अभय ने नेहा से कहा। “हाँ अभय, अब मैंने जिद […]
मीना भी शादीशुदा थी और जब देखो अपने पति के प्यार के तराने गाती रहती थी। छवि को अक्सर जलन भी होती थी पर मन मसोस कर रह जाती थी।
हमारा रिश्तेदारी का खून उबाल लेने लगा, “बेटा हमें तो साधारण लड़की चाहिए। कोई मांग नहीं हैं, ना हूर की परी चाहिए। बस पढ़ी-लिखी होनी चाहिए।”
"अपने आप को फ़िट रखने के लिए शादीशुदा या कुँवारी होने से क्या मतलब है? मुझे किसी को दिखाने के लिए नहीं स्वयं को स्वस्थ रखने फ़िट रहना है।"
हर शादी का विज्ञापन लंबी, पतली सुंदर दुल्हन मांगता है, लेकिन अगर लड़की अपनी ऐसी माँगे रखे तो तो प्रश्न आता है एक महिला ऐसा कैसे कर सकती है?
पापा ने बड़ी तेज़ी से लड़के ढूँढने शूरु कर दिये। रिशतेदारों और समाज में ख़बर फ़ैला दी गई थी कि बेटी के लिए एक सुयोग्य वर ढूँढा जाए।
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