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तकलीफ इस बात की नहीं कि हम अपने आप को सर्वोपरि मानते हैं बल्कि यह मानते मानते हमने अपना वजूद, अपनी इंसानियत, खो बैठे हैं।
होमोफोबिया दो शब्दों से मिलकर बना है जो दो शब्दों का युग्म है, मगर न जाने कितनी ही तक़लीफ़ों का और असमानता का एक अंबार लिए है।
नंदिता दास की शॉर्ट फिल्म 'लिसन टू हर' उन दोनों शोषण की चर्चा को सतह पर लाने की कोशिश करती है जिसका अनुभव हर महिला ने कभी न कभी किया है।
जेसिका लाल मर्डर केस के ऐसे फ़ैसले से ना जाने कितने मनु शर्मा को एक आत्मविश्वास मिलेगा और फिर कोई जेसिका होगी जो तड़प तड़प कर दम तोड़ देगी।
हार्दिक-नताशा के माता-पिता बनने पर सब खुश हैं लेकिन हमारे ट्विटर ट्रोल्स को तो विराट-अनुष्का के अब तक माता-पिता ना बनने की चिंता हैं!
ख़ुद को साबित करने वाली जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर सोनाझरिया मिंज ने एक इतिहास रचा और सबके लिए एक मिसाल बनीं।
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