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स्वतंत्रता की लड़ाई में सुशीला चैन त्रेखन अन्य महिलाओं के साथ बढ़-चढ़ कर भाग लिया करती और पुलिस की यातनाओं का भी सामना करती।
आज बेगम अनीस किदवई की पुण्यतिथी है, उनके बारे में तारीक के शक्ल में यह दर्ज है कि वह 1906 में पैदा हुईं और साहित्य अकादमी सम्मान से नवाज़ी गयीं।
यूँ तो लख़नऊ की तमाम तवायफों का ज़िक्र मिलता है, लेकिन सबसे अधिक शोहरत अगर किसी को मिली तो वह हैं - उमराव जान 'अदा'।
3 जुलाई 1897 को हंसा मेहता का जन्म बड़ौदा राज्य में दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक, जो बाद में बड़ौदा राज्य के दिवान भी रहें सर मनुभाई मेहता के घर हुआ।
26 जून 1882 में शारदा मेहता का जन्म उस दौर में हुआ था जब भारतीय महिलाओं को वे सारे अधिकार नहीं प्राप्त थे, जो आज उनके पास हैं।
सुचेता कृपलानी ने एक ऐसे समय में यूपी जैसे राज्य का मुख्यमंत्री पद संभाला, जब राजनीति में विरले ही किसी महिला को इतना ऊंचा पद दिया जाता था।
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