कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
अपने जीवन को पूरी तरह से जिएं। मिली हुई हर चीज के लिए आभारी रहें और हर अवसर का आनंद लें। फिर देखिये खुशियां ही खुशियां है चारों ओर!
चलो हंसने की वजह ढूंढते हैं, जिधर ना हो कोई गम ऐसी जगह ढूंढते हैं! बहुत भटक लिए ज़िन्दगी के दौड़ में, कहीं सुकून से बैठने की जगह ढूंढते हैं!
मुझे वो चिड़िया हम औरतों की तरह लगी, अंदर से कितना भी बिखरी हों, मगर बाहर से सवरीं ही नज़र आती हैं। सब कुछ नज़र अंदाज कर के लगी रहती हैं ना?
चलो निकालें कुछ समय अपने लिए और सोचें क्या करना है आगे किस चीज़ से आपको ख़ुशी मिलती है, कोई नयी जॉब, बिसनस, टीचिंग, क्राफ्ट, या कुछ और...
सेवानिवृति के दिन जैसे ही हाथों में फूल और गिफ्ट्स के साथ अनंत ऑफिस से निकले सुषमा जी ने गाड़ी घर के बजाय उनके पसंदीदा रेस्तरां की तरफ मोड़ दी।
सोचिये, अगर आज मैं आपसे कहूं कि अब से आपके पास कोई इंटरनेट-फेसबुक-व्हाट्सप्प, इत्यादि नहीं होंगे, तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या होगी और क्यों?
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