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उसके हिस्से में आती है गंदे बर्तनों से भरी रसोई, गंदे पानी से बजबजाता सिंक और घर के पुरुषों द्वारा खाने के बाद झूठन से पटी मेज।
लखनऊ में अभी एक वृतांत हुआ जहां एक महिला ने एक गरीब कैब ड्राइवर को बिना उसकी गलती के उसके साथ हाथापाई की और...
मुझसे कहा कि तश्तरी में खीर देने की जरूरत नहीं है, वो किसी भी प्लेट में खा सकती हैं। क्यों? मैंने पूछा नहीं, उन्होंने बताया नहीं।
"चार पैसे कमाती हो तो क्या घर पर ध्यान ही नहीं दोगी? अपने आप को ज्यादा मत समझो समझी? चार पैसे कमाने लगी तो अपने को बहुत समझने लगी हो।"
सब अच्छे से चल रहा था। मीतू और सुदीप को ज्योति के वहां होने से कोई परेशानि नहीं थी बल्कि वह दोनों उसके वहाँ होने से बहुत खुश थे।
उसका साथ कोई नहीं दे रहा था ना घरवाले ना पुलिस वाले। घरवाले उस पर जुल्म कर रहे थे और पुलिस वाले उसका साथ देने के बजाय...
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