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जाने मने और आधुनिक भारतीय लेखिखाओं के पुस्तक समीक्षा और लेखिखाओं के इंटरव्यू
पुस्तक आलोचना का स्त्री पक्ष की लेखिका सुजाता के साथ एक गुफ़्तगू

"2020 में भी हम स्त्रीवादी साहित्य आलोचना दृष्टि पर नहीं लिखेंगे तो फिर कब?" कहती हैं पुस्तक आलोचना का स्त्री पक्ष की लेखिका सुजाता...

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हिंदी साहित्य में इन 6 महिला साहित्यकारों का योगदान कौन भूल सकता है! 

हिंदी साहित्य में इन महिला साहित्यकारों का योगदान इतना है कि इनकी रचनाएं, हर पाठक को उसके जीवन के उद्देश्यों के तलाश करने में मदद करेंगी। 

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इस्मत चुगताई की कहानी ‘लिहाफ़’ एक सामाजिक सच्चाई है…

पर्दे पर उतरी हुई इस्मत चुगताई की सबसे अधिक बहस में रही कहानी 'लिहाफ़' इसे एक दफ़ा फिर से पढ़ने की ज़रूरत को पुख़्ता ज़रूर कर देती है।

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मल्लिका समग्र 19वीं सदी की लेखिका मल्लिका के होने का प्रमाण है 

मल्लिका समग्र इस बात की चर्चा ज़रूर करता है कि अगर भारतेंदु अपनी जीवनी पूरी कर पाते तो अवश्य मल्लिका के बारे में कोई जानकारी मिल जाती।

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नारीवाद का सरोकार केवल महिलाओं से नहीं है – ‘नारीवादी निगाह से’, निवेदिता मेनन

निवेदिता मेनन की किताब 'नारीवादी निगाह से' का मूल बिंदू यह कहा जा सकता है कि मार्क्सवाद विचारधारा की तरह नारीवाद भी सार्वभौम नहीं है।

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सच कहूँ तो, अगर मैं आगे बढ़ सकती हूँ, तो आप भी कर सकते हैं: नीना गुप्ता

दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता नीना गुप्ता अपनी आत्मकथा 'सच कहूँ तो' में अपने जीवन के बारे में सब कुछ साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं!

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The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

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