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यह सारी LGBTQA समाजसेवी संस्थाएँ एक साथ, एक ही लक्ष्य पर काम कर रही हैं और वह है समानता का लक्ष्य। आइये इनके बारे में और जानें।
बीबीसी 2019 की टॉप 100 इंस्पायरिंग, इनोवेटिव और इन्फ्लुएंशियल वीमन, डॉ प्रगति सिंह एसेक्सुएलिटी के बारे में लोगों में जागरूकता फैला रही हैं।
लोकतंत्र है, तो कुछ लोग इस फैसले के विरोध में भी अवश्य होंगे! और दुःख की बात है कि ऐसे लोग बड़ी आसानी से मिल गए, इसी ट्विटर पोस्ट के कमेंट बॉक्स में!
रिपोर्ट्स का कहना है कि LGBTQ को कुछ लोग काम पर रख तो लेते हैं परन्तु वहां उनका मानसिक उत्पीड़न किया जाता है, उनका मज़ाक बनाया जाता है।
लोग समलैंगिकता का मतलब ही नहीं समझते कि यह क्या तथ्य है, ग्रामीण लोग इस बात को देवी देवता और अंधविश्वास से जोड़ कर देखते हैं।
इस लेख में मैंने छोटे-छोटे कस्बों और शहरों में केवल LGBTIQ कम्यूनिटी के T को पेश आती मुश्किलों के बारे में बात की है। बाकि आप 'सामान्य लोग' खुद सोचें...
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