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गुलज़ार साहब के इस जन्मदिवस पर उन्हें लाखों बधाइयां देते हुए आज हम बात करेंगे उनकी शायरी, उनकी फिल्में और उनके कुछ यादगार स्त्री पात्रों की!
अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नीना गुप्ता ने सीरियल सांस के बारे में कहा कि 10 अगस्त 2020 को उनका पुराना सीरियल सांस फिर से छोटे पर्दे पर एंट्री कर रहा है।
गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल अपनी हौसले और संघर्ष की कहानी कहने के साथ-साथ महिलाओं के साथ हो रहे असमानता के व्यवहारों के कारणों को भी बताती चलती है।
कहानी प्रकाश झा की फिल्म परीक्षा की हो या कहानी निल बट्टे सन्नाटा की, दोनों की मुख्य बात यही है कि गुरबत में भी एक चिराग जलने से अंधेरा दूर हो सकता है।
फिल्म गुंजन सक्सेना : द करगिल गर्ल और सर्वोच्च अदालत का हलिया फैसला, भारतीय सेना में महिलाओं का हौसला बढ़ाने का बहुत बड़ा काम करेगा।
फिल्म शकुंतला देवी एक ऐसी मां की भी कहानी है जो अपने स्वतंत्र जीवन को जीने के लिए ऐसा जीवन जीती है जो उस दौर के तयशुदा मान्याताओं के बेड़ियों को तोड़ता है।
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