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तापसी पन्नू और विक्रांत मैसी की फिल्म हसीन दिलरुबा के अनुसार पत्नी की भूल पर पति का पत्नी को मारने का प्रयास गुस्सा मात्र हो सकता है...
“पागलपन की हद से ना गुजरे तो प्यार कैसा, होश में तो रिश्ते निभाए जाते हैं...” फिल्म हसीन दिलरुबा की कहानी इस संवाद के तरह ही उलझी हुई है।
वेब सीरीज़ ग्रहण का डायलॉग, "जो हुआ जिनके साथ हुआ और जिन्होंने किया, कोई दान, धन, धर्म, पश्चाताप उसकी माफी नहीं दे सकता...” रूह को छूता है।
अमोल पालेकर द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म को उसके सशक्त महिला किरदारों के लिए मशहूर होना चाहिए था। फ़िल्म पहेली आज से 16 साल पहले आयी!
स्त्री विमर्श में जिसको सिस्टरहुड, एक महिला का दूसरी महिला पर भरोसा, कहा जाता है, उसकी सहज अभिव्यक्ति है शेरनी फ़िल्म की यह तस्वीर।
अगर आप शेरनी के नाम पर विद्या बालन को शेरनी जैसा देखना चाहते हैं, तो मत देखिए फिल्म शेरनी, लेकिन कुछ कहानियां सच बयान करती है...
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