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माँ मैं भी तो एक औरत हूँ? तू भी तो एक औरत है? फिर बेटे का इतना मोह क्यूं? वंश को बढ़ाना ही क्या, हम स्त्रियों की ज़िंदगी का मकसद है?
एक स्त्री मांग भरे, मंगलसूत्र पहने, तभी लोग उसे थोड़ा बख्श देंगे, हाँ जी, किसी और की संपत्ति जो है, पुरुष इन नियमों के अधीन नहीं है, क्यों...
कुछ बच्चे अपने माता-पिता को एटीएम कार्ड समझते हैं पर कुछ माता-पिता भी ऐसे होते हैं जिनके लिये कमाऊँ पूत उनके लिए एटीएम कार्ड की तरह होते हैं। शेखर देर रात को ऑफिस से थका हारा घर आता है पत्नी शिखा दरवाजा खोलती है और कहती है, “तुम कपड़े बदल लो मैं खाना लगाती हूँ।” […]
पर-वर कुछ नहीं स्वाति, तुम ये सब मत सोचो बस अपना ध्यान रखो। खाओ-पियो मस्त रहो, राघव ने स्वाति का माथा चूमते हुए कहा।
आप क्या क्या कर सकते हो इसका जलवा तो एक बार दिखाना ही पड़ता है, आपका खुद पर किया विश्वास दूसरों के लिए भी मिसाल बन जाता है...
देख पायल, मैंने हमेशा छोरे की ख्वाहिश रखी, अब या तो तू इस बच्ची को किसी को दे दे या मैं तुझे छोड़ रहा हूँ, देख ले तुझे क्या करना है।
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