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कौन कहता है शर्म नहीं आती पति के आगे हाथ फैलाने में? पूछो उस स्त्री से जिसने दो साड़ी में सालों साल बिताए हैं, नहीं हक़ उसका क्यूंकि...
तेरा दर्द मैं समझ सकती हूं लेकिन तुझे ही गाली देंगे। तेरे ही चरित्र पर उंगलियां उठाई जायेंगी। तू ये केस वापिस ले ले वरना...
जहां मेरे देर से आने को जिम्मेदारी समझा जाये, मौज नहीं और जहां मुझे भी थकने पर अदरक वाली चाय मिले, नसीहत नहीं...
पर माँ बाप कहाँ मानने वाले होते हैं? कन्या दान किये बिना तो मोक्ष कैसे मिलेगा और बेटी के हाथ पीले किये बिना बूढ़े माँ बाप मरना नहीं चाहते थे।
हमें शादी में कोई कमी नहीं चाहिए। सगाई की तैयारियां तो बिल्कुल भिखारियों की तरह करी थीं। नाक कटवा दी थी हमारी बिरादरी में तुम लोगों ने...
जब से सोहम हुआ था निधि का अकेले अपने दोस्तों के साथ कहीं आना जाना बंद हो गया था, जबकि नीलाभ अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता।
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