कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
आखिर ज़रूरत ही क्या है इतना सजने संवरने की? क्या हम सामान्य रहकर सुन्दर नहीं लग सकते, ज़रूरी है इतना कुछ करना?
आप जैसी हो, मैं आपसे वैसे ही प्यार करती हूँ। मैं चाहकर भी आपसे प्यार करना बंद नहीं कर सकती लेकिन मैं आपके जैसा नहीं बनना चाहती।
एक औरत जब मां बनती है तो उसमें शारीरिक बदलाव होना बहुत ही नॉर्मल सी बात है और यह कोई शर्म की बात नहीं है
"अरे पिंकी अभी तक यही खड़ी है। चाय के कप क्या तेरा बाप उठाकर ले जाएगा?" संगीता ने अपने घर काम करने वाली छोटी सी बच्ची से कहा।
एडीएचडी को खत्म नहीं किया जा सकता और एडीएचडी वाले बच्चे की मां बनना आसान नहीं है। यह बच्चे 'सामान्य व्यवहार' के हर नियम को तोड़ते हैं।
गीता यथार्थ ने इस तस्वीर को शेयर किया और कहा, "वॉशरूम का लास्ट टाइम गेट कब क्लोज किया था, याद नहीं!" उनका इतना करते ही सोशल मीडिया पर बवाल हो गया।
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