कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
हेवी सिल्क, शिफॉन और चंदेरी साड़ियाँ उसने उन्हें दी थीं लेकिन वे कभी फटी जींस में और कभी अन्य आधुनिक पोशाकों में ही नजर आती थीं।
बेटा, एक औरत को औरत ही समझ सकती है। आदमी तो औरत को बहलाता है कि बस मैं ही हूं तुझे समझने वाला। औरत ही दूसरी औरत का असली सहारा है।
माही वॉशरूम में थी लेकिन उसका फोन वाइब्रेशन मोड पर बज रहा था। कोई अननोन नंबर था इसलिए कुमुद ने भी कॉल रिसीव नहीं किया।
तुम्हारे साथ भी ऐसी कई घटनाएं होंगी। अगर शर्मिंदगी महसूस हो, झिटक देना। कभी कैंटीन में दोस्तों संग चाय/खाना गिर जाए, रंजिश तज देना।
सब औरतें संडे को बहुत बिजी रहती हैं लेकिन एक तुम हो दुनिया से निराली। तुम आराम से बिना टेंशन के संडे का इन्तज़ार करती हो। आखिर कैसे?
मैं तो किस्मत वाली हूँ कि मेरी दो बेटियां हैं, जो मेरा ख्याल रखती हैं। तुम्हारा तो बेटा है न, वह भी इकलौता! बेटे तो होते ही नालायक हैं।
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