कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
कल झाँसी में हुए बीकेडी गोलीकाण्ड ने मुझे गंभीर रूप से परेशान किया और मैं इन बातों पर विचार करने पर मजबूर हो गया...
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम ने इस घटना को साल 2008 अप्रैल महीने में अंजाम दिया था।
रमानी-अकबर केस में आज कोर्ट का यह फ़ैसला औरतों के लिए एक उम्मीद है कि उनकी आवाज़ व्यर्थ नहीं जा रही, बदलता समाज उनकी आवाज़ सुन सकता है।
मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति को महिला के कंधे पर पर बैठाकर उसके साथ मारपीट करते हुए एक गांव से दूसरे गांव तक तीन किलोमीटर ले जाया गया।
यदि पुलिस किसी को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करती है तो यह सीआरपीसी का उल्लंघन है क्यूँकि महिलाओं की गिरफ़्तारी के विशेष नियम हैं।
आत्मा का टूटना, बचपन का चले जाना, जिंदगी भर अपने आपको दोषी मानना, मानसिक आघात, शारीरिक टूटन, इसको आप किस एक्ट में लाना चाहेंगे?
अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!
Please enter your email address