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अपराध और कानून
मैं जानती हूँ हर दर्द के लिए कपड़े उतारने ज़रुरी नहीं होते…

जहां आपके साथ ज़बरदस्ती हो रही है, उसी घर में, उसी व्यक्ति के साथ, आपको इस तरह से व्यवहार करना होता है जैसे कुछ हुआ ही नहीं है...

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बॉम्बे हाईकोर्ट के अनुसार यौन हिंसा तब जब गलत इरादे से त्वचा से त्वचा का संपर्क हो

लोग अपने बच्चों को 'गुड टच-बैड टच' की परिभाषा बताते हैं मगर अब इस निर्णय के बाद शायद 'बैड टच' यौन हिंसा में आएगा ही नहीं।

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देश में हिंसक यौन अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं, तो हम चुप्पी कैसे साध लें?

देश में हो रहे हिंसक यौन अपराध के बारे में सुन कर कई बार हम चुप रहते हैं, आख़िर क्रोध की भी तो सीमा होती है, हर बार उतना आक्रोशित नहीं हो सकते। 

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क्या निधि राजदान को इस तरह ट्रोल करना सही है?

पत्रकार निधि राजदान ने ट्विटर पर फ़िशिंग अटैक का शिकार होने की जानकारी दी और कहा, "मैं निधि राजदान हूँ, हार्वर्ड की प्रोफेसर नहीं लेकिन..."

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अगर ये वक्त चुनाव का होता तो हमारी इन बेटियों को इंसाफ जल्दी मिलता…

हमारे देश में औरतों की सुरक्षा हमेशा से एक चुनावी मुद्दा बन कर रह गया। लेकिन सत्ता में कोई भी पार्टी आये, औरतें कहीं सुरक्षित नहीं हैं।

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मुजफ्फरपुर गैंगरेप केस : हर घंटे ऐसी ख़बरें! किसी को कुछ भी फर्क पड़ रहा है?

आज हम आज मुजफ्फरपुर गैंगरेप के बारे में सुन रहे हैं, हो सकता है कल आपके शहर या गांव की खबर सुन रहे हों। तो इन सबका कोई अंत है भी या नहीं?

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