कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
जहां आपके साथ ज़बरदस्ती हो रही है, उसी घर में, उसी व्यक्ति के साथ, आपको इस तरह से व्यवहार करना होता है जैसे कुछ हुआ ही नहीं है...
लोग अपने बच्चों को 'गुड टच-बैड टच' की परिभाषा बताते हैं मगर अब इस निर्णय के बाद शायद 'बैड टच' यौन हिंसा में आएगा ही नहीं।
देश में हो रहे हिंसक यौन अपराध के बारे में सुन कर कई बार हम चुप रहते हैं, आख़िर क्रोध की भी तो सीमा होती है, हर बार उतना आक्रोशित नहीं हो सकते।
पत्रकार निधि राजदान ने ट्विटर पर फ़िशिंग अटैक का शिकार होने की जानकारी दी और कहा, "मैं निधि राजदान हूँ, हार्वर्ड की प्रोफेसर नहीं लेकिन..."
हमारे देश में औरतों की सुरक्षा हमेशा से एक चुनावी मुद्दा बन कर रह गया। लेकिन सत्ता में कोई भी पार्टी आये, औरतें कहीं सुरक्षित नहीं हैं।
आज हम आज मुजफ्फरपुर गैंगरेप के बारे में सुन रहे हैं, हो सकता है कल आपके शहर या गांव की खबर सुन रहे हों। तो इन सबका कोई अंत है भी या नहीं?
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