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परछन होते ही सासू मां को कहते सुना, "हाय! मेरा बेटा कितना थक गया, जा अब तेरा कोई काम नहीं तू आराम कर ले, नई बहू इधर ही रहेगी।"
तभी राकेश अंकल पीछे से कब आये, उसे पता भी नहीं चला। वह रिया के पीठ पर हाथ से सहलाते हुए बोले, "अरे मैं तो हल्दी निकालना भूल ही गया था।"
ऐसा लग रहा था जैसे आते-जाते सभी लोग, आसपास खड़े सभी लोग सब उसे ही घूर-घूर कर देख रहे हों। आज से पहले उसने कभी अकेले ऐसा कुछ नहीं किया था।
एक इंसान पर बोझ न डालें रिश्ते का, क्योंकि रिश्ते दो लोगों से बनते हैं और इन रिश्तों को चलाने के लिए जानते हैं कि कम्युनिकेशन क्या है...
पापा ने बड़ी तेज़ी से लड़के ढूँढने शूरु कर दिये। रिशतेदारों और समाज में ख़बर फ़ैला दी गई थी कि बेटी के लिए एक सुयोग्य वर ढूँढा जाए।
पिछले दिनों कोरोना महामारी के दौरान अचानक ट्विटर पर मनीषा मंडल का मैसेज वायरल होने लगा कि "क्या कोई डोनर ब्रेस्ट मिल्क दे सकती हैं?"
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