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"रूपेश ऐसा मौका बार-बार नहीं आता और घूमने बाद में भी जा सकते हैं। ऐसा मौका तुम्हें मिलता तो तुम छोड़ देते?" धैर्य खोते हुए सेजल बोली।
मेरे पति अपने सहकर्मियों को मेरे बनाये सैंडविच बेचते हैं, और उन पैसों से वह रेस्ट्रॉंट से अपना लंच खरीदने जाते है। यह सुनके मैं तो दंग रह गई।
हमारे देश में क्यूं ऐसा होता है कि सिर्फ लड़कियों को शादी के बाद इतनी बेड़ियों के जंजाल में जकड़ दिया जाता है? क्या ये कभी नहीं बदलेगा?
शादी से पहले जोड़े को एक-दूसरे के साथ मिलने का समय सीमित होता है, और उन्हें जिस जानकारी के माध्यम से झारना चाहिए वहलगभग अनंत है।
एक दिन यही रेस आपकी अपनी बेटी जीत लेगी और वह उसकी अपनी जीत होगी, कोई नहीं होगा उसका जीत का दावेदार या हकदार।
मैंने बालों को समेट कर रखना शुरू कर दिया। खुली चोटी भी गुथ गई। अकेले में खुद को देख कर इतराती पर दुनिया के सामने हिम्मत नहीं होती।
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