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नित्या को लिखने का बहुत शौक था लेकिन उसका शौक उसकी डायरी तक ही था। अपनी हर बात चाहें सुख की हो या दुख की वह उसमें लिखती थी।
लेखन में रूचि के कारण उसके बहुत से लेख, कहानी और कविताएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके थे, आस पास के क्षेत्रों में उसकी पहचान सक्रिय लेखिकाओं में थी।
चलो निकालें कुछ समय अपने लिए और सोचें क्या करना है आगे किस चीज़ से आपको ख़ुशी मिलती है, कोई नयी जॉब, बिसनस, टीचिंग, क्राफ्ट, या कुछ और...
विदाई की रस्म शुरू हुई, सारी रस्में निभाते पिया जी के साथ गठबंधन किए, रोते-रुलाते जा बैठी मैं कार में और शुरू हुआ मेरे मायके से ससुराल का वो पहला सफर...
हम खुद ही इन सवालों से परेशान हैं, घर में रंगाई-पुताई हो या नया फर्नीचर आ जाये, देख के लोग बोलते हैं, "बेटी की शादी की तैयारी चल रही है क्या?"
लड़की हो तो क्या? अपने सपनों को पूरा करने की ठान लो, ज़रूर पूरे होंगे। मैंने हार कर भी हार नहीं मानी, बस अब कुछ कदम और फिर ओलिंपिक...
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