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हमारी नई सिरीज़ सस्टेनेबल लिविंग संगीता के साथ के पहले वीडियो में आपका स्वागत है। संगीता वेंकटेश द वेस्ट इश्यू की सह-लेखक हैं। ये सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर स्कूली छात्रों के लिए एक इंटरैक्टिव वर्कबुक है। 21 वर्षों तक एक स्वतंत्र लेखक के रूप में, उन्होंने एजुकेशन वर्ल्ड, लाइफ पॉजिटिव, क्लीन इंडिया जर्नल जैसी पत्रिकाओं और डेक्कन हेराल्ड, डेक्कन क्रॉनिकल और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबारों में योगदान दिया है। वैदिक इकोलॉजी में गहरी रुचि रखने वाली, उन्होंने एक किताब “सेलब्रेटिंग द अर्थ- स्टोरीज़ अबाउट पृथ्वी” प्रकाशित की है। उनका यहां ब्लॉग लिखती हैं – https://sojournwithsan.com/
https://thewasteissue.wordpress.com/
इस एपिसोड में, हम गीले कचरे के बारे में बात करेंगे। गीला या ऑर्गनिक कचरा जो हमारी रसोई से आता है, वह इतना उपयोगी है कि इसे कचरा नहीं कहा जा सकता है। इसमें आपके फलों के छिलके, सब्जी के छिलके, अंडे के छिलके आदि होते हैं। हमारे कचरे का आधा से अधिक भाग गीला कचरा होता है। आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं। संगीता बताती हैं: ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यानी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट क्या है? अपशिष्ट प्रबंधन के 4 प्रकार क्या हैं? स्रोत अलगाव क्यों महत्वपूर्ण है? आप अपने घर से निकलने वाले कचरे के साथ क्या कर सकते हैं? Hindi script consultant : Aparna Ghosh
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